मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आरके गौतम ने कहा कि अस्पताल को सील कर दिया गया क्योंकि यह पंजीकृत नहीं था।
नई दिल्ली: स्थानीय अधिकारियों ने यूपी में एक निजी अस्पताल को सील कर दिया, जब उसके मालिक ने कथित तौर पर एक महिला के नवजात बच्चे को दूसरे जोड़े को सौंप दिया, जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद ने विरोध शुरू कर दिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आरके गौतम ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पंजीकृत नहीं होने के कारण अस्पताल को सील कर दिया गया था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि निगोही थाना क्षेत्र के त्रालोकपुर गांव की रहने वाली संगीता को बुधवार रात प्रसव पीड़ा के बाद शाहजहांपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया।
अशोक राठौर के रूप में पहचाने गए अस्पताल के मालिक ने संगीता को बताया कि चूंकि उनकी पहले से ही पांच बेटियां हैं, इसलिए वह न तो छठी की देखभाल कर पाएंगी और न ही अस्पताल की फीस का भुगतान कर पाएंगी, उन्होंने फिर बच्ची एक मुस्लिम जोड़े कोको सौंप दिया।
मामले की जानकारी होने पर हिंदू संगठन के नेता राजेश अवस्थी गुरुवार शाम निगोही थाने पहुंचे और मालिक का पुतला फूंका। मामला बढ़ने पर मुस्लिम दंपत्ति ने बच्ची को अस्पताल के मालिक को सौंप दिया।
सीएमओ गौतम ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने अतिरिक्त सीएमओ डॉ रोहतास के नेतृत्व में एक टीम निगोही के निजी अस्पताल में भेज दी थी, लेकिन तब तक अस्पताल का मालिक भाग चुका था। अपंजीकृत पाए जाने के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया है।
साथ ही मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है। पुलिस ने गुरुवार को अस्पताल के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
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