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नीलम महाजन सिंह: त्रिलोक दीप का अवलोकन

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिखर संस्थान, सेंट स्टीफेंस कॉलेज में शिक्षित; नीलम महाजन सिंह संपन्न पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाली, दोस्तों की बेहतरीन दोस्त हैं ।


मैंने दिल्ली के दोनों दूरदर्शन केंद्रों यानी ब्रॉडकास्टिंग हाउस और मंडी हाउस से कार्यक्रम किये हैं । ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान मेरी मुलाकात नीलम जी से हुई|



एक सुंदर, आकर्षक और शालीन व्यक्तित्व: नीलम महाजन सिंह, उनका नाम है। बातचीत का दिलकश लहजा । चेहरे पर सदा तिरेरने वाली मुस्कान उनकी शख्सियत को और अधिक निखारती है। नीलम जी बहुत परिश्रमी हैं, उच्चकोटि की पत्रकार, टेलीविजन पर्सनैलिटी और ब्रॉडकास्टर हैं, बेहतरीन समाचार विश्लेषक, कहानीकार, कवियत्री और बहुआयामी प्रतिभा की धनी हैं। हमदर्द हैं, मददगार हैं, स्वभाव से भावुक, लेकिन साथ ही सख्त भी यानी 'नो-नानसेंस पर्सन' भी हैं।कवि-लेखिका-पत्रकार के साथ साथ नीलम इंसानियत की पक्षधर हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिखर संस्थान, सेंट स्टीफेंस कॉलेज में शिक्षित; नीलम महाजन सिंह संपन्न पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाली, दोस्तों की बेहतरीन दोस्त हैं । कुल मिलाकर यह हुआ नीलम महाजन सिंह का परिचय-पहचान।

इसे उनका जुगराफिया भी समझा जा सकता है । अब आते हैं अपनी और नीलम जी की मित्रता और उनके काम करने की शैली पर। कह सकते हैं कि मोटा-मोटी हम लोग एक दूसरे को साढ़े तीन दशकों से जानते हैं । एक समय था जब मैं हफ्ते में दो-तीन दिन रेडियो और दूरदर्शन में देखा जाता था । मैंने दिल्ली के दोनों दूरदर्शन केंद्रों यानी ब्रॉडकास्टिंग हाउस और मंडी हाउस से कार्यक्रम किये हैं । ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान मेरी मुलाकात नीलम जी से हुई। धीरे धीरे परिचय मित्रता में बदल गयी।उन दिनों मैं 'दिनमान' में काम करता था और मुझे अक्सर दूरदर्शन आने का अवसर प्राप्त होता था । नीलम जी दूरदर्शन समाचार और सामयिक कार्यक्रम की प्रमुख संपादक थीं । कभी कभी हम लोग ऑन दा स्पॉट कवरेज के लिए भी मिल जाया करते थे। ऐसे ही एक बार बम्बई (अब मुंबई) जाते हुए विमान में हम मिल गये । उन दिनों मैं 'संडे मेल' में था और अपने ब्यूरो प्रमुख सुदीप से मिलने के लिए जा रहा था।नीलम जी भिवंडी में किसी हादसे की विशेष कवरेज करने के लिए जा रही थीं । नीलम महाजन सिंह, जिनके पास फिल्म एवं टी.वी. इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया - पुणे, का प्रमाणपत्र भी है, उनके काम का दायरा बहुत व्यापक है । वह दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास की प्राध्यापिका भी रही हैं । समाज की जीण-क्षीण व्यवस्था के खिलाफ सदैव काम करती रही हैं ।


प्रथम महिला पत्रकार हैं जिन्हें 'क्रांतिकारी कार्तिका', 'वीरांगना' 'राममनोहर लोहिया पुरस्कार' से सम्मानित किया गया

महिलाओं के अधिकारों व सशक्तिकरण के लिए उन्होंने वकालत की डिग्री भी हासिल की और बतौर मानवाधिकार संरक्षण अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। नीलम जी ने एक बार बताया था कि पत्रकार होने के बावजूद उन्हें, कई बार पुलिस-प्रशासन की ज़्यादतियों का शिकार होना पड़ा था । तब उन्होंने फैसला किया था कि पुलिस के हाथों जब हम महिला-पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाओं व नागरिकों के साथ उनका कैसा व्यवहार होता होगा ? आज नीलम जी महिलाओं की प्रखर आवाज़ बनकर उनके केस 'बोनो' ही लड़ती हैं । नीलम जी सभ्यता, संस्कृति, समाज सेवा आदि को फुर्सत, अवकाश या खाली वक़्त का काम नहीं मानतीं। वह अपने हर कार्य और ज़िम्मेदारी को बहुत ही गंभीरता से लेती हैं । वह प्रथम महिला पत्रकार हैं जिन्हें 'क्रांतिकारी कार्तिका', 'वीरांगना' 'राममनोहर लोहिया पुरस्कार' से सम्मानित किया गया; जिस तरह से वह महिलाओं की समस्याओं को निर्भीकता से उठाती रही हैं ! उनके लिए पूरी ईमानदारी से अपना कार्य संपन्न करने में किसी का पद, ओहदा या हैसियत आड़े नहीं आयी है। उनकी उसी दिलेरी के लिए नीलम महाजन सिंह को 'लक्ष्मी बाई वीरांगना पुरस्कार' से नवाज़ा गया । यह पुरस्कार उन्हें कानपुर की वीरांगना संस्थान द्वारा दिया गया था । उनकी झोली में अन्य अनेक पुरस्कार हैं जिनका अवलोकन करते हुए उन्हें पिछ्ले दिनों 'आलमी टी.वी. मीडिया लाईफ टाईम् अचीवमेंट - एक्सीलेंस अवार्ड' से सम्मानित किया गया था ।


निस्संदेह नीलम जी वीरांगना के साथ साथ चिंतक, विचारक और संवेदनशीलता की त्रिमूर्ति हैं

जैसे कि हमने कहा कि नीलम महाजन सिंह बहुत ही संवेदनशील हैं जिस की झलक उनके लेखन में मिलती है । आज भी वह ऊर्जा से ओतप्रोत रहती हैं, बेशक़ कभी-कभी उनकी सेहत उनका पूरी तरह से साथ नहीं देती है। बावजूद इसके लगता है नीलम जी की इच्छा शक्ति के सामने वह भी बेबस हो जाती है । इस बात का गवाह है कि उनके काव्य-संग्रह 'ओशन आफ लव' (Ocean of Love), 'तांडव' (Tandava: Shiva's DanceofFury, Joy and Annihilation), 'अन्तर्यात्रा', जिसे पढ़ कर नीलम महाजन सिंह के 'कवयित्री' पक्ष की गहन सोच का पता चलता है । निस्संदेह नीलम जी वीरांगना के साथ साथ चिंतक, विचारक और संवेदनशीलता की त्रिमूर्ति हैं । नीलम महाजन सिंह के स्वास्थ्य एवं दीर्घ आयु की कामना करते हुए उनके चेहरे पर सदैव मुस्कान रहे, ऐसी मेरी कामना है।


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