पश्चिम बंगाल में टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार में पूर्व मंत्री और उनके "करीबी सहयोगी" को ईडी ने जुलाई में गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती 'घोटाले' में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की 46.22 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में कुल 40.33 करोड़ रुपये मूल्य का एक फार्महाउस, फ्लैट और कोलकाता में स्थित 'प्राइम लैंड' जैसी 40 अचल संपत्तियां शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्तियों पर पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का बेनेफिशियल ओनरशिप पाई गई है।
एजेंसी के अनुसार, कुर्क की गई कई संपत्तियां शेल कंपनियों और चटर्जी के लिए प्रॉक्सी के रूप में काम करने वाले व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत थीं। पश्चिम बंगाल में टीएमसी के नेतृत्व वाली सरकार में पूर्व मंत्री और उनके "करीबी सहयोगी" को ईडी ने जुलाई में गिरफ्तार किया था।
इस मामले में कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में छापेमारी करने के बाद एजेंसी ने 49.80 करोड़ रुपये नकद, सोना और 55 करोड़ रुपये से अधिक के अन्य आभूषण जब्त किए थे।
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