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आईआरसीटीसी घोटाला मामले में तेजस्वी यादव की जमानत को लेकर सीबीआई कोर्ट पहुंची

आईआरसीटीसी घोटाला मामला 2006 में एक निजी फर्म को रांची और ओडिशा के पुरी में दो आईआरसीटीसी होटलों के परिचालन अनुबंध देने में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।


नई दिल्ली: आईआरसीटीसी घोटाला मामले में सीबीआई ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ दिल्ली कोर्ट का रुख किया है। जांच एजेंसी ने मामले में यादव को दी गई जमानत रद्द करने की मांग की है।


न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने सीबीआई की याचिका पर तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है। आईआरसीटीसी घोटाला मामला 2006 में एक निजी फर्म को रांची और ओडिशा के पुरी में दो आईआरसीटीसी होटलों के परिचालन अनुबंध देने में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।


जुलाई 2017 में, सीबीआई ने आईआरसीटीसी होटल घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और 11 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।


केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा था कि मामले में आरोपों में आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश (120-बी), धोखाधड़ी (420) और भ्रष्टाचार शामिल हैं।


इसके एक साल बाद, अप्रैल 2018 में, एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट के अनुसार 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई थी, जिसके तहत पुरी और रांची में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था और बाद में इसके संचालन और रखरखाव के लिए इसे दिया गया था। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी पार्टी (सुजाता होटल्स) की मदद के लिए शर्तों में बदलाव किया गया।

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