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अहमदाबाद में सड़कों पर, स्कूलों के पास मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि "सवाल 'शराबबंदी, शाकाहारी और मांसाहारी' वस्तुओं का नहीं है, लोग जो चाहें खाने के लिए स्वतंत्र हैं।"

गुजरात में वडोदरा और राजकोट नगर निगमों द्वारा दुकानदारों और फेरीवालों को अंडे सहित मांसाहारी भोजन को कवर करने का आदेश देने के कुछ दिनों बाद अहमदाबाद में यह कहते हुए ये प्रतिबंध लगाया गया है की यह हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है।


एजेंसी एएनआई ने बताया कि इस तरह की वस्तुओं को बेचने वाले स्टालों को सार्वजनिक सड़कों पर और स्कूलों, कॉलेजों और धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में प्रतिबंधित कर दिया गया है। अहमदाबाद की सड़कों पर बेचे जा रहे मांसाहारी सामानों को प्रतिबंधित करने में ये शहर सबसे नया बन गया है।


अहमदाबाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी ने कहा, "इस आदेश पर कल से अमल शुरू होगा।"


गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि "सवाल 'शराबबंदी, शाकाहारी और मांसाहारी' वस्तुओं का नहीं है, लोग जो चाहें खाने के लिए स्वतंत्र हैं।" लेकिन स्टालों पर बेचा जा रहा भोजन हानिकारक नहीं होना चाहिए और स्टालों को यातायात के प्रवाह में बाधा नहीं डालनी चाहिए।


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य गुजरात में वडोदरा और राजकोट नगर निगमों द्वारा दुकानदारों और फेरीवालों को अंडे सहित मांसाहारी भोजन को कवर करने का आदेश दिया गया था, जिसमे यह कहा गया था कि यह हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसी जगहों से निकलने वाला धुआं भी स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करता है।


वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने गुरुवार को मौखिक निर्देश जारी किए कि यदि वे वस्तुओं को ठीक से कवर करने में विफल रहते हैं तो सड़क के किनारे सभी मांसाहारी खाद्य स्टालों को हटा दें। उन्होंने कहा कि स्टालों पर मांस, मछली और अंडे प्रदर्शित करने की प्रथा भले ही कई वर्षों तक जारी रही हो, लेकिन अब इसे समाप्त करने का समय आ गया है।


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